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क्या निधि राजदान को इस तरह ट्रोल करना सही है?

पत्रकार निधि राजदान ने ट्विटर पर फ़िशिंग अटैक का शिकार होने की जानकारी दी और कहा, "मैं निधि राजदान हूँ, हार्वर्ड की प्रोफेसर नहीं लेकिन..."

पत्रकार निधि राजदान ने ट्विटर पर फ़िशिंग अटैक का शिकार होने की जानकारी दी और कहा, “मैं निधि राजदान हूँ, हार्वर्ड की प्रोफेसर नहीं लेकिन…”

अवार्ड विनिंग जर्नलिस्ट और एनडीटीवी इंडिया की पूर्व पत्रकार निधि राजदान ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर फ़िशिंग अटैक (फ़िशिंग एक साइबर क्राइम है) का शिकार होने की जानकारी दी। निधि राजदान ने कहा कि जिस हार्वर्ड की नौकरी के लिए मैंने अपनी 21 साल पुरानी नौकरी छोड़ी थी, वह हार्वर्ड की ओर से असल में उन्हें कभी ऑफर ही नहीं की गई थी। आपको बता दें, वे 21 सालों से एनडीटीवी इंडिया में काम कर रही थीं और उनके शो लेफ्ट, राइट एंड सेंटर में बतौर सीनियर एंकर के रूप में बहुत मशहूर थीं। जून 2020 में उन्होंने ये नौकरी छोड़कर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी करने का फैसला किया था। 

हालांकि, निधि राजदान ने आज अपना बयान ज़ारी कर कहा है कि उन्हें एक फ़िशिंग हमले का लक्ष्य बनाया गया है और उनकी निज़ी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करी गयी है। इसके बारे में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी है। 

मैं निधि राजदान हूँ, हार्वर्ड की प्रोफेसर नहीं लेकिन…

निधि राजदान ने पर अपने बयान की एक कॉपी शेयर कर कहा, “21 साल तक एनडीटीवी में नौकरी करने के बाद जब मुझे हार्वर्ड में एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी मिली तो मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी। मुझे सितंबर में वहां ज्वाइन करना था लेकिन मुझे बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से मेरी क्लासेस जनवरी 2021 से शुरू होंगी। जिसके बाद उन्होंने जनवरी में हार्वर्ड जाने का फैसला किया और फिर उन्होंने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से क्लासेस की जानकारी मांगी।

जब मैंने यूनिवर्सिटी से इसके बारे में पूछा तो पता चला कि यह सब फर्जी है और मैं ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकार हुई हूँ और मुझे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी की पेशकश नहीं हुई थी। ये सब मेरे व्यक्तिगत डेटा को चुराकर उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। इसके लिए मैंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।”

कल को इसका शिकार हम भी हो सकते हैं

जिस तरह आज से हम ऑनलाइन दुनिया में घुल चुके हैं उसमें कोई भी इसका शिकार हो सकता है। ये बहुत बड़ा क्राइम है। लेकिन अफ़सोस, कुछ सोशल मीडिया यूजर इसे अभी भी ट्रोल करने में ज़्यादा दिलचस्पी रखते हैं। निधि राजदान के मामले में भी जहां एक ओर उनके साथ सहानुभूति जताई जा रही है वहीँ ज़्यादातर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं और तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। उनके प्रोफेशन से लेकर पर्सनल लाइफ पर कमेंट किये जा रहे हैं। 

जिस तरह से निधि राजदान ने इस पूरे मामले को संभाला है और सभी को साइबर क्राइम्स से जागरूक रहने को कहा है वो एक हिम्मत वाला काम है। निधि राजदान बेशक अभी एक कठिन समय से गुज़र रही हैं। ऐसे में अगर हम सहानुभूति रखेंगे तो बेहतर होगा क्योंकि कल को इसका शिकार हम भी हो सकते हैं। बस फर्क इतना होगा कि हमारा केस पूरी दुनिया में चर्चित नहीं होगा।

मूल चित्र :  NDTV India

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Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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