कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
बात उन दिनों की है जब मैं गर्भवती थी। सेना के किसी जवान को देखती तो सोचती कि हाय! इनकी माँ कितना गर्व महसूस करती होगी।
आखिर वह दिन आया जब मैंने एक बेटे को जन्म दिया। मुझे लगा कि शायद मेरा सपना सच होने का समय आ गया है। मैं उसे देश भक्ति के गीत सुनाती, खिलौनो मे टैंक लाकर देती कि इन चीजों को देखकर उसके भी मन में सेना में भर्ती होने की चाहत पैदा होगी। मैंने उसके लिए एक देश भक्ति की कविता भी लिखी जिसे कई बार अनेक अवसरों पर उसने गाया भी।
आज वही कविता मैं अपनी दिल की गहराइयों से आपको प्रस्तुत कर रही हूँ।
‘मेरी चाहत‘
त्यौहार के मेले लगते हैं,
तब याद तुम्हारी आती है।
दीयों की जगमग होती है,
आती उस माँ कि याद हमें,
जिसने तुमको है जनम दिया।
शत्-शत् माँ को प्रणाम मेरा,
भारत माँ से है विनती यही,
मेरा भी लाल ऐसा हो।
जो देश की सीमा पर जाकर,
इस देश की रक्षा करता हो।
तब याद तुम्हारी आती है|
आज भी जब मैं इस कविता को गाती हूँ तो मेरा दिल भर आता है। शायद आपने भी कुछ ऐसा ही महसूस किया होगा।
मूल चित्र : Canva Pro
read more...
Women's Web is an open platform that publishes a diversity of views, individual posts do not necessarily represent the platform's views and opinions at all times.