कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

मैं कुछ नहीं करती हूँ

मैं सचमुच कुछ नहीं करती। बस अपना तन-मन जीवन झोंक देती हूँ। यही सुनने को, कि दिनभर क्या करती हूँ।

मैं सचमुच कुछ नहीं करती। बस अपना तन-मन जीवन झोंक देती हूँ। यही सुनने को, कि दिनभर क्या करती हूँ।

लोग कहते हैं कि
मैं कुछ नहीं करती हूँ
क्योंकि मैं एक गृहणी हूँ।

घर में पूरे दिन सोती रहती हूँ।
बच्चे अपने आप पल जाते हैं।
घर अपने आप संवर जाते हैं।
पकवान अपने आप पक जाते हैं।
बुजुर्ग अपने आप संभल जाते हैं।

सामान सही जगह ,अपने आप पहुँच जाते हैं।
रिश्ते अपने आप निभ जाते हैं।
मकान से घर अपने आप बन जाते हैं।
मैं सचमुच कुछ नहीं करती।
बस अपना तन-मन जीवन झोंक देती हूँ ।
यही सुनने को, कि दिनभर क्या करती हूँ।
मैं सोती रहती हूँ।
मैं गृहणी हूँ।

मूल चित्र: Gagan Kaur via Pexels 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

18 Posts | 286,381 Views
All Categories