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फराह खान ने इंस्टाग्राम पर अपने IVF से माँ बनने की अपनी कहानी 9 महीने की साझा करते हुए महिलाओं के नाम एक भावुक खत लिखा!
फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी निर्देशिका और कोरियोग्राफर फराह खान ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए सभी महिलाओं को ओपन लेटर लिखा है। फराह खान 43 साल की थीं जब वह IVF यानि इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन के ज़रिए मां बनी थीं।
फराह के तीन बच्चे हैं आन्या, कजार और डीवा। चालीस की उम्र के बाद मां बनने के फ़ैसले को अपनी च्वाइस बताते हुए उन्होंने इस लेटर में सभी औरतों को संबोधित करते हुए लिखा है।
“हमारे काम हमारे शब्दों से ज्यादा मायने रखते हैं। हमें क्या करना है इसके लिए आपके पास च्वाइस होती है और वही आपका वही चुनाव हमें हम बनाता है। एक बेटी, पत्नी और मां होने के नाते मुझे कई फैसले लेने से जिनकी वजह से मैं पहले कोरियोग्राफर बनी फिर फिल्म मेकर और प्रोड्यूसर बनीं। हर फ़ैसले के वक्त मुझे लगा मैं सही हूं। मैंने ख़ुद की आवाज़ सुनी और आगे बढ़ती गई। चाहे परिवार हो या करियर मैंने हमेशा अपने दिल की सुनी। हमें लगता है लोग हमारे फ़ैसलों के बारे में क्या सोचेंगे पर हम ये भूल जाते हैं कि ये हमारी ज़िंदगी है और फ़ैसला भी हमारा ही होना चाहिए।
आज मैं अपनी च्वाइस की वजह से तीन बच्चों की मां हूं और मुझे अपने फ़ैसले पर गर्व है। मैं तब मां नहीं बनी जब समाज चाहता था क्योंकि उन्हें लगता है कि मां बनने के लिए सही उम्र होती है। शुक्र है मेडिकल साइंस का कि मैं जब चाहती थी तब IVF के ज़रिए मां बनने में सफल हो सकी। आजकल ये देखकर ख़ुशी होती है कि बहुत सी महिलाएं बिना समाज के डर के ऐसा फ़ैसला ले रही हैं जो वो ख़ुद चाहती हैं। जब IVF के ज़रिए आप डोनर की मदद से सामान्य रूप से मां बन सकती हैं तो फिर इसे चुनने में क्या कतराना?” #ItsAWomansCall
फराह खान की कहानी 9 महीने की का ये खत सोनी एंटरटेनमेंट टीवी के स्टोरी 9 मंथ्स की / कहानी 9 महीने की नाम से एक नया धारावाहिक शुरू होने से पहले आया है, जो रंगरेज टेलीविजन वर्क्स द्वारा निर्मित है, जो 23 नवंबर, 2020 से शुरू हुआ।
अपने ख़त के आख़िर में फराह खान ने सोनी के टीवी शो को लेकर लिखा है, “मुझे हाल ही में पता चला कि सोनी एक टीवी लेकर आ रहा है स्टोरी 9 मंथ्स की जो एक बोल्ड संदेश देता है कि अगर प्यार के बिना शादी हो सकती है तो पति के बिना मां क्यों नहीं? मैं उन सभी महिलाओं को जो स्वाभाविक या किसी भी तरीके से मातृत्व सुख पाना चाहती हूं उन्हें शुभकामनाएं देती हूं।”
पहले यह तकनीक बहुत प्रचलित नहीं थी लेकिन धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ते के साथ कई लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन गर्भधारण करवाने की एक कृत्रिम प्रक्रिया है। इस प्रोसेस से पैदा होने वाले बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है।
जो महिलाओं किसी भी कारणवश गर्भाधारण नहीं कर पाती या नहीं करना चाहतीं वो इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। इसमें पुरूष के शुक्राणु (Sperm) और महिला के अंडाणु (Egg) को Lab में मिलाकर उसे ऐसी महिला (डोनर) के गर्भाशय (Uterus) में डाला जाता है, जो गर्भ धारण करना चाहती है।
सच है ज़िंदगी आपकी है तो फ़ैसले भी आपके ख़ुद ही करने हैं। मां बनने का फ़ैसला औरत की ज़िंदगी का सबसे अहम फ़ैसला होता है इसलिए उसे ना केवल अपने शरीर बल्कि मन से भी इसके लिए तैयार होना उतना ही ज़रूरी है। समाज और घर-परिवार के दबाव में आकर अपनी ज़िंदगी और सपनों के साथ खिलवाड़ ना करें और तभी मां बनें जब आप खुद बनना चाहती हैं।
मूल चित्र : Instagram
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