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जब एक के बिना दूसरा अपूर्ण हो जाए, तब समझना इस संसार में सबसे बड़ी जीत हंसिल की है तुमने। तब समझना प्रेम पूर्ण हुआ है!
जब एक की खामोशी दूसरे की बेचैनी बन जाए, जब एक की नाराज़गी दूसरे की मुस्कान बन जाए, जब एक का तूफ़ान दूसरे का ठहराव बन जाए, जब एक की चोट दूसरे का दर्द बन जाए, जब एक की तमन्ना दूसरे का उद्देश्य बन जाए, जब एक की आँखों की चमक दूसरे का दिल का सुकून बन जाए, जब एक की चुप्पी दूसरे के शब्द बन जाए, जब एक की नज़रें बिन बोले ही दूसरे को सब कह जाए, जब एक का मक़सद दूसरे की राह बन जाए, जब एक दूसरे की ख़ुशी में ही खुद की ख़ुशी निहित हो जाए, जब एक का चेहरा दूसरे का अस्तित्व बन जाए, जब एक दूसरे की ज़रूरत नहीं आदत बन जाए, जब एक में दूसरे का प्रतिबिम्ब हो जाए, जब एक के बिना दूसरा अपूर्ण हो जाए, तब समझना इस संसार में सबसे बड़ी जीत हंसिल की है तुमने। तब समझना प्रेम पूर्ण और साकार हुआ है। तब समझना प्रेम पूर्ण हुआ है!
मूल चित्र : NavdeepSoni via Unsplash
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मैं ‘तू’ बन जाऊँ…बस इतना सा ख़्वाब है!
वक्त
कविता
क्यों हरदम तलाशे ग़ैर सभी, तू बन अपना ख़ुदा
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