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इस लेख से मेरा उद्देश्य है कि अधिकतम लोगों को वही ज्ञान प्राप्त हो जो मुझे हुआ है, प्रस्तुत हैं 15 अच्छी बातें, जिंदगी भर की कहानी, मेरी मां की जुबानी।
बच्चों की परवरिश में हमेशा से ही मां का बहुत योगदान रहा है। तात्पर्य यह नहीं कि पिता का योगदान कम होता है; तात्पर्य यह कि संसार के आरंभ से लेकर, आज के आधुनिक समाज तक, नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों का ज्यादातर समय मां के साथ ही गुजरता है।
मेरे पिताजी सरकारी सैन्य सेवाओं (नेवी) में कार्यरत थे और ज्यादातर समय दूसरे राज्यों अथवा देशों में नियुक्त रहते थे। फलस्वरूप, मेरे बचपन की समस्त यादें मेरी मां से जुड़ी हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज तक, मां ने ही हमारे जीवन के सब चरणों में हमारा सहयोग किया है। एक तरफ़ जहां पिता जी देश की सेवा में लगे थे, वहीं दूसरी ओर मां अपने घर और परिवार की सेवा में नियुक्त थीं। पिछले साल पिता जी के रिटायरमेंट के बाद, दोनों रिटायरमेंट का आनंद ले रहे हैं।
आज भी रह रहकर मां की सिखाई गई कुछ अच्छी बातें याद आती हैं। मैंने अपनी जिंदगी में इन बातों का हमेशा पालन किया है और जिंदगी की कई मुश्किल घड़ियों में मां की ये अच्छी बातें मेरा साथ देती रह हैं। कई बार कुछ बातें मुझे अंधकार के आवेश से रिहा कर, रोशनी की ओर लाईं हैं। और इसके लिए मैं मां का जितना भी आभार व्यक्त करूं वो कम है।
इस लेख द्वारा मेरा यही उद्देश्य है कि अधिकतम लोगों को इन शब्दों से वही ज्ञान प्राप्त हो जो मुझे हुआ है। प्रस्तुत हैं 15 अतिआवश्यक अच्छी बातें। ये हैं जिंदगी भर की कहानी, मेरी मां की जुबानी।
आशा करती हूं कि सभी पाठकों को, जरूरत के समय ये 15 अच्छी बातें सहायता और साहस प्रदान करेंगीं।
मूल चित्र : VikramRaghuvanshi from Getty Images Signature via Canva Pro
Scientist and Storyteller. I'm a dyed-in-the-wool bibliophile. My love of reading has led to my passion for writing. I write so others can find comfort and acceptance in my words, just read more...
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