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इंतज़ार आज भी…

जब राजेश पहुँचा तो घर पर ताला था। पड़ोसियों ने बताया की वो दो दिन पहले ही किसी को बिना कुछ बोले और बताए घर खाली करके और पूरा सामान लेकर जा चुके हैं...

जब राजेश पहुँचा तो घर पर ताला था। पड़ोसियों ने बताया की वो दो दिन पहले ही किसी को बिना कुछ बोले और बताए घर खाली करके और पूरा सामान लेकर जा चुके हैं…

राजेश साइंस सेकंड ईयर का छात्र था। पढ़ाई में भी होशियार था। कॉलेज के हर कॉम्पिटिशन में भाग लेता। रंग जरूर साँवला था पर आकर्षक होने के कारण कॉलेज की बहुत सी लड़कियां उसे पसंद करती थीं। कोई लड़की आगे आकर बात भी करती तो राजेश उनसे भी औपचारिक बाते ही करता। उसके दोस्त अक्सर उसे छेड़ा करते कि लडक़ीयां तुझे पसन्द करती है इसलिए तुझसे दोस्ती करना चाहती है इन्हीं में से किसी को गर्लफ्रैंड भी बना ले। पर राजेश इन सब बातों से दूर अपनी ही दुनिया मे मस्त रहता। राजेश के लिए गर्लफ्रैंड के मायने अलग थे उसका कहना था कि वो उसी लड़की को गर्लफ्रैंड बनाएगा जिससे शादी करेगा मगर अभी तक उसे ऐसी लड़की नही मिली है।

पर कहते है न हर इंसान की जिंदगी में एक बार प्यार की दस्तक जरूर होती है। राजेश की जिंदगी में भी ऐसी लड़की आई जिसका नाम था प्रिया। प्रिया से वह कॉलेज के साइंस कॉम्पिटिशन में मिला था। प्रिया को देखते ही राजेश उसे अपना दिल दे बैठा। वैसे वह उसके कॉलेज की नही थी पर विषय और ईयर दोनो का सेम ही था। प्रिया की टीम को कॉम्पिटिशन में प्रथम स्थान मिला। राजेश ने पास आकर उसे बधाई दी और प्रोजेक्ट की तारीफ शुरू कर दी। अब पहली ही मुलाकात में लड़की की तारीफ तो कर नही सकता था सो उसके बनाये मॉडल की ही करनी पड़ी पर उसका इशारा हर बात पर प्रिया की और ही था। प्रिया भी समझदार थी उसे भी समझते देर न लगी कि राजेश मॉडल के बहाने उसी की तारीफों के पुल बांध रहा है। प्रिया बिना कुछ बोले मन ही मन मुस्कुरा रही थी। यही से उनकी दोस्ती की शुरुआत हो गई।

धीरे धीरे ये दोस्ती गहरी होती गई। एक दूसरे से मिलना, बाते करना, फोन करना, शॉपिंग करना सब कॉमन हो गया। एक दूसरे की पसन्द न पसन्द के बारे में भी अच्छे से जानने लगे थे। ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई प्रिया खुद भी समझ नही पाई। एक दिन राजेश ने अपने दिल की बात प्रिया को बता दी। प्रिया तो कब से राजेश से यह सुनना चाहती थी। उसने बिना कुछ कहे राजेश को गले से लगा लिया। ये प्रिया के इकरार का ही इशारा था।

दोनो का प्यार परवान चढ़ने लगा। फोन पर होने वाली बातें अब सिर्फ दिन तक ही सीमित न थी ये दायर अब रातो तक बड़ गया था। प्रिया के घरवाले थोड़े सख्त स्वभाव के थे उसके घर वालो को शक न हो इसलिये राजेश ने प्रिया को एक फ़ोन दे दिया था जिससे वो बेफिक्री से बाते कर सकें और किसी को शक न हो। प्रिया के घरवाले कहीं उसकी पढ़ाई न रुकवा दे इसलिए वे अपने प्यार के बारे में घरवालों को अपनी पढ़ाई पूरी होने से पहले नही बताना चाहते थे। साथ ही प्रिया को ये भी डर था कि राजेश के दूसरे धर्म का होने के कारण घरवाले जल्दी नही मानेंगे। उसके स्नातक होने से पहले ही घरवाले जल्दबाजी में उसकी शादी कही और भी करवा सकते है। समय गुजरने लगा दोनो ने अपनी स्नातक की डिग्री अच्छे नम्बरो से पास कर ली।

आखिर वो दिन भी आ गया जब प्रिया के घरवालों को इस बात की भनक लग गई। जब राजेश द्वारा दिया गया सेल फोन पकड़ा गया। फिर वही हुआ जो हमेशा दो दिलो के साथ होता है प्रिया को मारने पीटने के साथ डराया और धमकाया गया। प्रिया के घरवालों ने राजेश को फोन करके ढेर सारी गालियां दी और प्रिया से दूर रहने की चेतावनी भी।

राजेश को अब रहा न गया उसने गुस्से से गाड़ी उठाई और प्रिया के घर की और बड़ा दी। उसे डर था कि कही घरवाले गुस्से में प्रिया के साथ मारपीट न करें। वो खुद जाकर सबसे विनती करेगा सबको समझाएगा की वो उसे बहुत चाहता है और बहुत खुश रखेगा। तभी उसकी आँखों के सामने एकदम से अंधेरा छा गया। बाइक अनियंत्रित हो कर खम्बे से टकरा गई थी। तीन दिन बाद जब आंख खोली तो खुद को हॉस्पिटल में पाया। होश आते ही सबसे पहले प्रिया से मिलने का कहने लगा। घर वालो के रोकने पर भी सबको अनसुना कर वो प्रिया के घर जा पहुँचा। जब पहुँचा तो घर पर ताला था पड़ोसियों ने बताया की वो दो दिन पहले ही किसी को बिना कुछ बोले और बताए घर खाली करके और पूरा सामान लेकर जा चुके हैं।

राजेश पूरी तरह टूट चुका था। उसके प्यार का इस तरह अंजाम होगा उसने कभी नही सोचा था। अब कई साल हो गए है पर राजेश को अभी भी प्रिया का इंतजार है। वो आज भी उसके घर जाकर देखता है कि शायद…

मूल चित्र : Dio Alif Utomo via Pexels

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Babita Kushwaha

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