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बचपन की तरह हम पास नहीं, पर मन के तार जुड़े रहें! रास्तों की दूरी कितनी भी हो, पर दिल के तार जुड़े रहें!
राखी खुशियाँ लाई, खुशियाँ लाई अपार। भैया तुमसे चाहिए, मुझको प्यार अपार। मत करना इंकार, भैया! मत करना इंकार!
पापा के लिए देना, समय, सादर, सत्कार। माँ के चरणों में हो श्रद्धा से भरा सत्कार।
मुझको बुआ बुलाने वाले, बच्चों को स्नेह दुलार। मेरी भाभी को असीमित प्यार का भण्डार।
जब हो ज़रुरत मुझे तुम्हारी, बुलाऊँ और तुम आ जाओ। दुख में सुख में साथ खड़े हो, ढाल मेरी बन जाओ।
जानती हूँ भैया, इंकार नहीं करोगे। मेरी झोली झटपट, खुशियों से भर दोगे।
ईश्वर मेरे भैया का, फले फूले संसार। मुझको मिलती रहे सदा, ऐसी दौलत अपार।
ये प्यार यूँ ही बना रहे, मोहताज़ न हो रक्षाबन्धन का। सिर पर मेरे तेरा हाथ हो, तेरे माथे टीका चन्दन का।
बचपन की तरह हम पास नहीं, पर मन के तार जुड़े रहें। रास्तों की दूरी कितनी भी हो, पर दिल के तार जुड़े रहें।
सूरज की तरह चमको जग में, चन्दा की तरह तुम बढ़ते चलो। सारी खुशियाँ मिल जाएँ तुम्हें, ऊंचाइयों को तुम छूते चलो।
ये दुआ समिधा करती है , मेरा मायका तुमसे सजा रहे। मेरे भैया से, मेरी भाभी से, बच्चों से वो घर सजा रहे।
तुम साथ मेरे जो खड़े रहे, मैं भी सदा यूँ खड़ी रहूँ। गर हो कोई तकलीफ तुम्हें, उसके आगे मैं अड़ी रहूँ।
मूल चित्र : Canva
Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's
प्यार का धागा
लड़कियों पर पाबंदी लगाने से अच्छा है कि…
एक दिया दिल में जलाओ प्यार का
मुझे देश की माटी से प्यार है-मेरी आन है, मेरी शान है, मेरा देश मेरी जान है।
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