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आज़ादी तो मिल गई हमको, क्या सचमुच हम आज़ाद हो गए?

आज़ादी तो मिल गई हमको, पर क्या सचमुच हम आज़ाद हो गए? भ्रूणहत्या, बलात्कार, चोरी,दान-दहेज की बेड़ियाँ, ऐसे दानवों के आगे हम अब भी रगड़ते एड़ियाँ!

आज़ादी तो मिल गई हमको, पर क्या सचमुच हम आज़ाद हो गए? भ्रूणहत्या, बलात्कार, चोरी, दान-दहेज की बेड़ियाँ, ऐसे दानवों के आगे हम अब भी रगड़ते एड़ियाँ!

आज के दिन सन् सैतीलीस को
हमने आज़ादी पाई थी।
पर इस आज़ादी को हासिल करने में,
कितनों ने जान गँवाई थी।

जब जब लहराता आज तिरंगा,
मन में गहरे कुछ होता है
बस अपने बारे में ही सोचें
क्या ये ही सब कुछ होता है?

क्या हम आज़ादी पा लेते,
गर यही सोचते वीर हमारे।
खुली हवा में साँस ना मिलती
छँटते नहीं बादल कारे।

शत् शत् नमन है उन वीरों को,
प्राण दिए जिन्होंने अपने
बाजी लगा दी अपनी जान की,
पूरे किए हमारे सपने।

आज़ादी तो मिल गई हमको,
पर क्या सचमुच हम आज़ाद हो गए?
क्यूँ प्राण गँवाए उन वीरों नें
क्या वो सपने साकार हो गए?

अंधविश्वास और कुटिल कुरीतियाँ,
अब भी करती हम पर राज
कैसा होगा भविष्य हमारा
जब नहीं सुरक्षित हमारा आज।

भ्रूणहत्या, बलात्कार, चोरी,
दान-दहेज की बेड़ियाँ,
ऐसे दानवों के आगे हम
अब भी रगड़ते एड़ियाँ।

सादा जीवन उच्च विचार,
ये नारा हम लगाते हैं।
जब सोच हमारी छोटी है,
तो कैसे यह कह पाते हैं?

ये ज्वलंत समस्याएँ हैं हमारी,
जिनके हम अब भी गुलाम हैं।
सोच नहीं बदलेगी जब तक
हम आज़ाद होकर भी गुलाम हैं। 

देश भले आज़ाद हो गया पर,
नारी अब भी परतन्त्र है।
कहीं कैद अपने घर में ही,
क्या घर के बाहर स्वतन्त्र है?

जगा अपनी शक्ति को,
कमज़ोर नहीं है तू नारी।
लक्ष्मी बाई बनकर दिखला,
ना बन अब तू बेचारी।

त्यागें गन्दी मानसिकता
आओ मिलकर शपथ लें आज
फिर से बनेगा सोने की चिड़िया
भारत करेगा विश्व पर राज!

मूल चित्र : Canva Pro 

About the Author

Samidha Naveen Varma

Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...

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