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यही तो एक रिश्ता है, जो हमने चुना है। इन रिश्तों से, खुद को महकाए बैठे हैं।
कुछ खास लोगों को, दिल से लगाए बैठे हैं। हम कुछ, कीमती से दोस्त बनाए बैठे हैं।
जिनसे जुड़ी हैं, यादें हर उम्र की हर उम्र के, दोस्तों को अज़ीज़ बनाए बैठे हैं।
बचपन से शुरू हुआ, दोस्ती का सिलसिला हम आज तक, उसको निभाएं बैठे हैं।
यही तो, एक रिश्ता है जो हमने चुना है इन रिश्तों से, खुद को महकाए बैठे हैं।
जीना दोस्तों के बिना, कैसे हो पूरा हम तो इनको, ज़िन्दगी बनाए बैठे हैं।
हंसी खुशी के, जाने कितने पल बिताए उन पलों को, आँखों में बसाए बैठे हैं।
गुस्सा, झगड़ा, क्या नहीं किया हमने पर फिर भी, एक दूसरे को मनाए बैठे हैं।
आज साथ नहीं, पर दिल से जुड़ें हम सब उन पलों से, प्यार का एहसास जगाए बैठे हैं।
खुश हूँ, आज याद कर के दोस्तों को हम मन ही मन, मुस्कुराए बैठे हैं।
मूल चित्र: Canva
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