कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

साइबर अपराध के खिलाफ आवाज़ उठाकर अपनी आवाज़ बुलंद करें

मेरी इस पोस्ट के बाद कई महिलाएं मेरे इनबाक्स में आईं और उन्होंने साइबर अपराध से जुड़ी अपनी परेशानियों को साझा किया कि किस तरह से उन्हें परेशान किया जाता है।

मेरी इस पोस्ट के बाद कई महिलाएं मेरे इनबाक्स में आईं और उन्होंने साइबर अपराध से जुड़ी अपनी परेशानियों को साझा किया कि किस तरह से उन्हें परेशान किया जाता है।

अभी कुछ दिनों पहले मैंने फेसबुक पर एक पोस्ट देखी थी, जिसमें नग्नता की सुलभ तरीके से तस्वीर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया था। वहां अनेकों कमेंट थे, जहां लोग फोटो मांग रहे थे। एक सज्जन ने यहां तक कहा कि उन्हें लोकल तस्वीर चाहिए अगर पास में हो तो उपलब्ध कराने की कोशिश करें।

ऐसी पोस्ट करने वाले यह इंसान मेरे फेसबुक फ्रेंड लिस्ट में थे मगर उनके इस पोस्ट के बाद मैंने इस इंसान को आनफ्रेंड किया और रिपोर्ट करके हटा दिया। साथ ही मैंने बाकी लोगों को भी इस इंसान को रिपोर्ट करने के लिए कहा। मेरी इस पोस्ट के बाद कई महिलाएं मेरे इनबाक्स में आईं और अपनी परेशानियों को साझा किया कि किस तरह से उन्हें परेशान किया जाता है।

खुलकर विरोध करने से ही बदलाव आएगा

हालांकि यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि ऐसे पोस्ट्स आपको हर जगह मिलेंगे क्योंकि महिलाओं को टारगेट करना पुरुषों का फेवरेट टाइम पास है। उसके अंगों पर मज़े लेना और टिप्पणियां करना कि उसके अंगों की बनावट और कसावट कैसी है। ताज्जुब इस बात से होता है कि कई महिलाएं यह सब जानने के बाद भी आखिर क्यों विरोध नहीं करती हैं, जबकि महिलाओं को खुलकर विरोध करना चाहिए ताकि पुरुषों का मुखौटा हटे और और उनका असली चेहरा सामने आए।

सोशल मीडिया एक ऐसा स्पेस बनता जा रहा है, जहां महिलाएं साफ्ट टारगेट रहती हैं क्योंकि किसी इंसान का असल चेहरा तो सामने आता नहीं है मगर उसकी हरकतें उसकी मानसिकता को सामने लाकर रख देती हैं।

मैं खुद ऐसे लोगों से परेशान हो जाती हूं और जहां तक संभव होता है, मैं स्वयं भी विरोध करती हूं और लोगों को भी कहती हूं कि आगे आइए और विरोध किजिए क्योंकि गलत सहना किसी को शह देने के बराबर होता है।

यही बातें किसी को और ताकत देती हैं कि वह अपनी मर्यादा भूल कर अश्लीलता का नंगा नाच करने लगता है। घर से लेकर सड़कों पर और सोशल मीडिया तक हर जगह महिलाएं सहती हैं। मैं पूछती हूं क्यों सहना किसी के लिए, आखिर क्यों?

सहने से नहीं बल्कि बोलने से बदलाव आएगा

कई महिलाएं घर पर ही पुरुषों की अश्लील नज़रों को बर्दाशत करती हैं मगर बोलती नहीं क्योंकि उन्हें रिश्तों के टूटने का डर सताता रहता है। ऐसे लोगों से ही रिश्ता जोड़कर क्या फायदा, जिन लोगों को खुद ही रिश्तों की मर्यादा नहीं है। गलत को सहना भी गलत है इसलिए विरोध कीजिये ताकि अन्य महिलाओं को संबल मिले और वे भी आगे आकर बोल सकें जैसा कि मैंने किया।

स्क्रॉल करते वक्त दिखे स्क्रिनशॉट्स को ही शेयर करने मात्र से महिलाओं ने अपनी परेशानियों को साझा किया। यह सकारात्मक एक्शन है, जो महिलाओं ने लिया, इसलिए बेहतर यही है कि हम सभी अपनी-अपनी आवाज़ को एक करके साइबर से जुड़े अपराधों के खिलाफ मुखरता से आवाज़ उठाएं।

यहां करें शिकायत

साथ ही साइबर से जुड़े अपराधों की शिकायत के लिए गृह मंत्रालय ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया है, जहां इन मामलों की शिकायत की जा सकती है। साथ ही महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के ईमेल- [email protected] पर भी शिकायत कर सकती हैं और निकटतम पुलिस साइबर सेल में भी शिकायत लिखवा सकती हैं। शिकायत करते समय यह ध्यान रखने की ज़रुरत है कि आपको भेजे गए मैसेज का स्क्रीन शॉट, व्यक्ति की आईडी आदि का स्क्रीन शॉट सबूत के तौर पर सुरक्षित रखा हो। आप राष्ट्रीय महिला आयोग के नंबर (0111-23219750) पर भी संपर्क कर सकती हैं।

मूल चित्र : Canva Pro 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

62 Posts | 261,933 Views
All Categories