कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

स्त्री तब और अब!

क्या पुरूष समाज सिर्फ झूठा दंभ भरता रहेगा! क्यों एक ही समाज में स्त्री और पुरुषों के लिए नियम अलग अलग हैं?

क्या पुरूष समाज सिर्फ झूठा दंभ भरता रहेगा! क्यों एक ही समाज में स्त्री और पुरुषों के लिए नियम अलग अलग हैं?

स्त्रियों की दिशा और दशा में काफी सुधार हुआ है। पर इस उन्नति का ग्राफ  मध्यम गति से बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण है, पितृसत्तात्मक समाज। आप किसी भी युग को देेखिए! वहां स्त्री को पुरूष का अनुगाामी ही बताया गया है।

एक स्त्री हमेशा किसी के संरक्षण में रहती है!

एक पंक्ति आप लोगों ने भी बहुत बार सुनी होगी, “बचपन में एक स्त्री पिता के संरक्षण में, किशोरावस्था में भाई के संरक्षण में, शादी के बाद पति के संरक्षण में और बुढ़ापे में बेटे के संरक्षण में रहती है!” जो की स्त्रियों पर सामाजिक दबाव को ही तो इंगित करती हैं। ऐसा लगता है, जैसे स्त्रियों का अपना कोई स्वतंत्र जीवन नहीं है! अगर उन्हें कुछ करना है तो पिता, भाई, पति या पुत्र से पूछकर ही करना है। शायद पुरुष इतना ताकतवर है, कि उसे किसी के स्पोर्ट की जरूरत ही नहीं है।

दुनिया की आधी आबादी कही जाने वाली, औरतें! अभी भी अपने अधिकार से वंचित हैं। या यूँँ कहना भी गलत नहीं होगा कि, उन्हें अपने अधिकारों से दूर रखा जा रहा है!

स्त्रियों की सहनशीलता का फायदा उठाना अनुचित है!

 स्त्रियों की सहनशीलता, उनका एक प्रकृति प्रदत्त गुण है। और उनकी इस सहनशीलता का फायदा उठाना अनुचित है! स्त्री के गुणों को पुरुषों के अवगुणों द्वारा दबाना कितना सही है। सहनशीलता की भी एक पराकाष्ठा होती है!

पुरूष अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिए, हमेशा से स्त्रियों का शोषण करता रहा है। जिसे उसने संस्कार औरअधिकार का नाम दे दिया!

एक सवाल, मन में कई बार कौंधता है! कि क्या पुरूषों को दबाव की जरूरत नहीं होती? क्या पुरूष समाज सिर्फ झूठा दंभ भरता रहेगा! क्यों एक ही समाज में स्त्रीऔर पुरुषों के लिए नियम अलग-अलग हैं! हमें इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढने से काम नहीं चलाना! वरन् हम स्त्रियों को स्वयं अपनी विचारणीय दृष्टिकोण से बाहर निकलना होगा!

मूल चित्र: Canva

 

 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

5 Posts | 11,167 Views
All Categories