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हम तुम और हमारा साथ हो तो फिर गम की क्या बात हो

कंगना के पति उसकी तकलीफ तो कम नही कर सकते थे पर साथ देके उसका हौसला ज़रूर बन सकते थे।  आखिर बच्चा सिर्फ एक माँ की ज़िम्मेदारी थोड़ी होता है !

कंगना के पति उसकी तकलीफ तो कम नही कर सकते थे पर साथ देके उसका हौसला ज़रूर बन सकते थे। आखिर बच्चा सिर्फ एक माँ की ज़िम्मेदारी थोड़ी होता है !

कंगना शादी के चार साल बाद प्रेग्नेंट हुई. जब वो 3 महीने की प्रेग्नेंट थी तब उसको फ़ूड पोइज़निंग हो गई थी। 

डॉक्टर ने कहा “घबराने की बात नही है, पर आप मेरे हिसाब से पूरी प्रेग्नेंसी बाहर का खाना न खाए तो आप व आपके बच्चे के लिए बेहतर होगा”..

कंगना बचपन से महा चटोरी थी और  इन दिनों तो वैसे ही चटपटा तीखा खट्टा खाने का दिल करता है… 

“क्या तुम कर पाऊँगी .. तुम कितनी बड़ी चटोरी हो मुझसे बेहतर कौन जानता है।” कंगना के पति ने कहा..

“ये सच है कि चटोरापन मेरी सबसे बड़ी कमज़ोरी है ,पर तब मैं सिर्फ कंगना थी पर आज एक मां हूँ, मां की ममता में बहुत ताकत होती है तुम चिंता मत करो मैं काफी हूँ मेरे बच्चे के लिए..” कंगना ने कहा …

“मां मैं सोच रहा हूँ कि बहुत दिन से पिज़्जा नही खाया सोचता हूँ मंगवा लूँ” कंगना के पति ने कंगना को चिढ़ाते हुए कहा…

“अरे जा यहाँ से..मेरी बहू को तंग मत कर. कोई बात नही बेटा जो खाने का दिल करे वो बता देना मैं घर में ही बना दूँगी।” कंगना की सास बोली..

माँ बन ने के सफ़र की पहली सीढ़ी जैसे कंगना ने चढ़ ली हो

छुट्टी वाले दिन कंगना के पति कहने लगे “चलो घूम के आते है..” कंगना खुश हो गई अब आखिर  घूमना किसे पसन्द नही है।

वह बाहर निकले तो कभी चाट का ठेला दिखे, तो कभी “डोमिनोज” ,तो कभी” के एफ सी”, सबके बारी बारी से स्वाद कंगना के जुबान पे आने लगे, उसके मुँह में पानी आ गया..

लेकिन फिर डॉक्टर की बात ख्याल आ गई और कंगना ने झट से अपनी आंख बंद कर ली..

“जब ख्याल अपने बच्चे का हो तो ये तो बहुत छोटी सी बात है नौ महीने क्या अगर पूरी ज़िंदगी भी बाहर का न खाना हो तो वो भी मुझे खुशी खुशी स्वीकार है मेरे बच्चे”.. कंगना ने मन ही मन मैं बोला…

उस समय लगा माँ बन ने के सफ़र की पहली सीढ़ी जैसे कंगना ने चढ़ ली हो।

दोनों का हो साथ तो बन जाए बात !

कंगना के पति ने “सी सी डी” के सामने कार रोकी ।

“यहां क्यों रोकी”..कंगना ने पूछा..

“चलो तो अंदर”..कंगना के पति ने कहा..

“डॉक्टर ने मना किया है बहार का खाना ,फिर यहां क्यों लाये बेकार में”..कंगना ने उदास हो के बोला..

“डिअर ..खाने को मना किया है कॉफी पीने को नही।चिंता मत करो मैंने पूछ लिया था डॉक्टर से तुम हफ्ते में एक बार कॉफी पी सकती हो, पर उससे ज्यादा नही ताकि तुम्हारा बी पी न बढ़े”… कंगना के पति ने बोला…

“फिर दो केपिचिनो कॉफ़ी आर्डर कर दी”..

“अरे तुमने अपना मनपसंद सैंडविच नही ऑडर किया तुम जब भी आते हो तो वो ज़रूर लेते हो..अरे..मैं नही खा सकती तो क्या तुम तो खा लो” कंगना बोली..

“मां सिर्फ तुम अकेले नही बन रही मैं भी पापा बन रहा हूं इसलिए मैं भी बहार की चीज़ नहीं खाऊंगा जब तक तुम नही खाओगी समझी”… पति बोले…

“पर”… कंगना बोली..

“पर वर कुछ नहीं ये दौर तुम्हारे लिए आसान नही है जानता हूँ मैं ,तुम काफी हो हमारे बच्चे का ध्यान रखने के लिए और मैं हूँ न तुम्हारा ध्यान रखने के लिए”।

“मैं तुम्हारी तकलीफ कम नही कर सकता पर साथ देके तुम्हारा हौसला तो बन सकता हूं।”पति बोले…

“थैंक यू मेरा साथ व हौसला बनने के लिए” ..कंगना ने अपने पति के हाथ पे हाथ रख के कहा..

मूल चित्र – Canva 

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