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छीन ली मेरी आजादी, जला दिया मेरे सपनों को!
प्रेम के नाम पर! ये कैसा बंधन ?
छीन ली मेरी आजादी! जला दिया मेरे सपनों को!
मेरे पैरों में घुँघरू बांधकर, मर्यादाओ में बांध लिया!
क्या प्रेम करना गुनाह था? या भरोसा करना?
मूल चित्र : Canva
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