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ऐ ज़िंदगी

कभी बारिश की तरह खूबसूरत है , तो कभी पतझड़ की तरह बे-रंगीन। ऐ' जिंदगी , तू सिखाती है, समझाती है। जीने की राह दिखाती हैं।

कभी बारिश की तरह खूबसूरत है , तो कभी पतझड़ की तरह बे-रंगीन। ऐ’ जिंदगी , तू सिखाती है, समझाती है। जीने की राह दिखाती हैं।

 

ऐ’ जिंदगी!

हंसाती भी तू  है, रुलाती भी तू है।

कभी छोटे तो कभी, बड़े ख्वाब दिखाती भी तू है।

कभी ज़िद्दी बनती है तो , कभी नादान भी तू है।

 

कभी तू खुद के लिए लड़ना भी सिखाती है तो,

कभी हालातों के साथ, समझौता करना भी सिखलाया है, तूने।

कभी मासूम, तो कभी समझदार बनाया है तूने।

 

तू है! तो मंजिल है , तू है तो रास्ते हैं।

तू है! तो खुशी है, तू है तो गम है।

कभी मनचाहे रंगों से तस्वीर बन जाती है तो,

कभी अनचाहे रंगों से तकदीर।

 

कभी बारिश की तरह खूबसूरत है , तो कभी पतझड़ की तरह बे-रंगीन।

ऐ’ जिंदगी , तू सिखाती है, समझाती है।

जीने की राह दिखाती हैं।

 

कहने को तो तू एक सफ़र है।

पर इस सफ़र में हर रात के बाद

एक नई सुबह का इंतजार करना भी तू सिखाती है।

 

ऐ’ ज़िंदगी

हंसाती भी तू है, रुलाती भी तू है।

कभी छोटे, तो कभी बड़े ख्वाब!

दिखाती भी तू है।

ऐ’ ज़िंदगी…….

 

मूल चित्र: Canva

 

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