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ज़रा सोच कर देखें, उम्र की ये निशानियां किस्मत वालों को ही मिलती हैं वरना यूं न जाने कितने ही लोग इस उम्र तक पहुंच ही नहीं पाते।
उम्र जब एक लंबा सफर तय कर अपने आखिरी पड़ाव का ओर अग्रसर होती है तो अपने साथ कई अनमोल तोहफे भी लाती है। वह जहां केशों को चमचमाती, झिलमिलाती चांदनी से रौशन कर देती है वहीं अनुभव, विश्वास और वातसल्य की निशानियों के रूप में हमारे चेहरे को भी अनगिनत रेखाओं से नवाज़ देती है।
यह सब एक बेहद खूबसूरत अनुभव होना चाहिए लेकिन इसके विपरीत न जाने क्यों उम्र द्वारा नवाज़े गए इन उपहारों को हम दुनिया की नजरों से छिपाने की भरसक कोशिश करने लगते हैं। मेरा मानना है कि यदि बढ़ती उम्र के इन तोहफों को सहर्ष स्वीकार कर लें तो आगे का सफर एकदम तनावमुक्त हो जाएगा।
40+ की उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका भरपूर आनंद लीजिए! अपनी आंतरिक सुंदरता का मूल्य पहचानिए। स्वयं को आइने में निहारते हुए मुस्कुराइए! बच्चों संग उन्हीं की तरह खिलखिलाइए। न जाने क्यों जब किसी उम्रदराज महिला की झुर्रियां को मेकअप के पीछे छिपे हुए देखती हूं, तो लगता है कि जैसे एक खूबसूरत चेहरे पर मुखौटा लग गया है।
कितनी औरतों के साथ ऐसा होता है। काश! वे अपने वास्तविक चेहरे की खूबसूरती आँक पातीं और उसे मेकअप की परतों के पीछे छिपाने की प्रयास न करतीं। याद रखिए ये सब कुदरती होता है जब उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बालों तक मे बदलाव आता है। उम्र की ये निशानियां किस्मत वालों को ही मिलती हैं वरना यूं न जाने कितने ही लोग इस उम्र तक पहुंच ही नहीं पाते। खुशकिस्मत हैं वे जो इस उम्र के जीते हैं।
अरे! हमारा तो जन्म की मरने के लिये हुआ हैं, तो कभी ना कभी तो मरना ही है। अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ। तो बस, उम्र की इन निशानियों को गर्व से स्वीकार कीजिए और जीवन के इस पड़ाव को एक त्यौहार की तरह मनाइए। यही सच्चा आनंद है।
वाकई खूबसूरत हैं वे लोग जो उम्र की इन निशानियों को सहर्ष स्वीकार कर गर्व से जीते हैं।
मूल चित्र : Canva
रजनी चांडी को इस उम्र में क्या पहनना चाहिए ये बताने वाले हम कौन होते हैं?
किस्मत पर नहीं चलता किसी का बस
जैसी वो अट्ठारह बरस की थी…
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