कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

सुष्मिता सेन के पावरफुल कमबैक के लिए ज़रूर देखें ‘आर्या’

सुष्मिता सेन आर्या के अवतार में पूरी तरह रच-बस गई हैं जिसे देखकर आपको भी लगेगा कि ‘आर्या’ सिर्फ वहीं बन सकती थी, कोई और नहीं।

सुष्मिता सेन आर्या के अवतार में पूरी तरह रच-बस गई हैं जिसे देखकर आपको भी लगेगा कि ‘आर्या’ सिर्फ वहीं बन सकती थी, कोई और नहीं।

सुष्मिता सेन ने हाल ही में बेव सीरीज़ ‘आर्या’ से डिजिटल डेब्यू किया है। 19 जून को इस सीरीज़ के रिलीज़ होने से पहले ही इसका हाइप बना हुआ था क्योंकि सुष्मिता पिछले कई सालों से फिल्मों से ग़ायब थी इसलिए उन्हें फिर से एक्टिंग करते हुए देखना उनके चाहने वालों के लिए अच्छी ख़बर था।

डिज़्नी हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई इस वेबसीरीज़ ने सुष्मिता को फिर से लाइमलाइट में ला दिया है। सीरीज को अनु सिंह चौधरी और संदीप श्रीवास्तव ने लिखा है और राम माधवानी, संदीप मोदी और विनोद रावत ने डायरेक्ट किया है। सुष्मिता सेन आर्या अवतार में पूरी तरह रच-बस गई हैं जिसे देखकर आपको भी लगेगा कि ‘आर्या’ सिर्फ वहीं बन सकती थी, कोई और नहीं।

आर्या के किरदार

सुष्मिता सेन के आर्या के मुख्य किरदार के अलावा उनके पति का रोल निभाने वाले चंद्रचूड़ सिंह (तेज) की एक्टिंग में भी आपको परिपक्वता साफ़ नज़र आती हैं। कई सीन्स में वो इतने स्वाभाविक से लगे कि आपको लगेगा ही नहीं कि वो एक्टिंग कर रहे हैं। किरदारों की फेहरिस्त में सुष्मिता के भाई बने संग्राम (अंकुर भाटिया), जवाहर (नमित दास), सुष्मिता के पिता जोरावर (जयंत कृपलानी), उनका भरोसेमंद आदमी दौलत (सिकंदर खेर) और शेखावत का रोल करने वाले (मनीष चौधरी) अपने-अपने रोल्स में सहज लगे।

इनके अलावा माया सराओ (माया), सुगंधा गर्ग (हीना), विश्वजीत प्रधान (संपत) ने भी अपनी-अपनी भूमिका को अच्छे से निभाया है। एक नाम और हैं जिसने इस सीरीज़ में अपनी अलग पहचान बनाई है और वो हैं ACP खान का रोल कर रहे विकास कुमार ने।

अब बात करते हैं आर्या की कहानी की

राजस्थान के बैंकग्राउंड में बुनी गई इस कहानी में एक बेटी (आर्या) है जिसके पिता ज़ोरावर जयपुर में सालों से अफीम की खेती करते हैं और ग़ैरकानूनी तरीके से दवाइयों का धंधा करते हैं। उम्र बढ़ गई है इसलिए अब उनका काम आर्या के पति तेज, बेटा संग्राम और ज़ोरावर संभालते हैं जो आपस में बहुत अच्छे दोस्त हैं।

सब सही चलता है जब तक कि संग्राम पैसे के लालच में शेखावत का हीरोईन चुराता नहीं हैं। फिर सब बदल जाता है और आर्या के परिवार पर एक के बाद एक मुसीबतें आने लगती हैं। इसी डील के चक्कर में तेज का कत्ल हो जाता है और तीन बच्चों की ज़िम्मेदारी अब आर्या पर आ जाती है। संग्राम जेल पहुंच जाता है और जवाहर, शेखावत के लोगों से अपनी जान बचाता फिरता है।

आख़िरकार आर्या को वही करना पड़ता है जो वो कभी नहीं करना चाहती थी। वो तेज और अपने बच्चों के साथ इस बिज़नेस को छोड़कर हमेशा के लिए कहीं दूर चली जाना चाहती थी लेकिन सालों बीत जाने पर भी कभी ऐसा कर नहीं पाई और अब परिस्थितियों में फंसी आर्या के लिए सब-कुछ छोड़कर जाना असंभव सा था। आर्या को धंधे की बागडोर अपने हाथ में लेनी पड़ती है। वो सारी मुसीबतों का सामना करते हुए पुलिस और शेखावत से टक्कर लेती है।

आर्या अपने बच्चों को इन सब चीज़ों से दूर ले जाना चाहती है इसलिए शेखावत के साथ मिलकर ड्रग्स की डील भी करती है ताकि इसके बाद वो आज़ाद हो जाए। लेकिन आर्या को धक्का तब लगता है जब उसे ये पता चलता है कि उसका परिवार ही उसके ख़िलाफ़ है। इसके बाद धीरे-धीरे चौंकाने वाली बातें सामने आती हैं।

आर्या क्या फ़ैसला लेती है? अपने बच्चों को बचा पाती है या नहीं? इन सवालों के जवाब आपको सीरीज़ देखकर ही मिल पाएंगे। इसके अलावा हर किरदार की अपनी एक अलग कहानी है जो इस सीरीज़ में नए ट्विस्ट और टर्न लाती है। कुल मिलाकर अगर आप क्राइम ड्रामा देखने के शौकीन हैं तो यह देख सकते हैं। अंत में ये कहानी अपने साथ कई सवाल लेकर आएगी।

सुष्मिता सेन की आर्या में क्या अच्छा – क्या बुरा

1) इस सीरीज़ में श्रीमद्वभगवद गीता के कई श्लोक और उसके संदेश को बैंकग्राउंड म्यूज़िक में शामिल किया गया है जिसके कारण कई सीन्स और सिचुएशन काफ़ी स्ट्रांग लगती हैं।

2) आपको कहीं-कहीं ये सीरीज़ धीमी लग सकती हैं लेकिन आर्या आपको बांध कर रखती है।

3) सीरीज में कहीं-कहीं पर चीज़ें दोहराई हुई सी लगती है। जैसे एक बात को लेकर इंट्रेस्ट हमेशा बना रहता है कि आर्या शादी से पहले बिलकुल अलग थी। आपका मन करता है ये जानने का कि वो कैसी थी लेकिन आप जान नहीं पाएंगे।

4) कुछ-कुछ कैरेटेक्टर्स को कम स्क्रीन टाइम मिला है लेकिन फिर भी सबको अपनी साइड एस्टेबलिश करने का मौका मिला है जैसे आर्या की दोस्त माया और हीना।

सुष्मिता सेन आर्या में अपने कमबैक पर क्या कहती हैं

अपने कमबैक पर सुष्मिता कहती हैं कि “कहानी और किरदार कितने ही अच्छे क्यों ना हो लेकिन जब तक आपका अपने रोल में विश्वास नहीं होगा आप उसे निभा नहीं पाएंगे। आर्या के किरदार में मेरा पूरा विश्वास था इसलिए मैं उसे दिल से निभा सकी।”

गंभीर बीमारी का लड़कर किया सामना

2014 में सुष्मिता सेन एडिसन डिजीज़ से ग्रसित हो गई थीं। इस बीमारी में शरीर हॉमोर्न्स बनाना बंद कर देता है। सुष्मिता ने इस बीमारी से कई साल तक लड़ाई की। मेडिकल साइंस और योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर सुष्मिता ने ख़ुद को स्वस्थ बनाया। 40 पार करने के बाद भी वो पहले की तरह की ख़ूबसूरत और फिट नज़र आती हैं।

अपने विचारों को लेकर आर्या की तरह दृढ़ हैं सुष्मिता

सुष्मिता की बॉलीवुड में इमेज एक सुलझी और वैचारिक स्तर पर दृढ़ एक्ट्रेस की रही है। असल ज़िंदगी में भी वो वैसी ही हैं। 1994 में मिस यूनिवर्स की प्रतियोगिता में उन्होंने कोई महंगा गाउन नहीं बल्कि अपनी मां की बनाई ड्रेस और मोज़े के बनाए ग्लव्स पहने थे।

ख़िताब जीतने के बाद सुष्मिता ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया। सुष्मिता सेन ने अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जी है और समाज के कई पुराने रीति-रिवाजों को दरकिनार किया है। उन्होंने शादी के बग़ैर दो बेटियों को गोद लिया है। सुष्मिता तब सिर्फ 24 साल की थी जब उन्होंने अपनी पहली बेटी रेने को गोद लिया था और उनकी दूसरी बेटी अलीशा को 2010 में गोद लिया था। सिंगल मदर्स के लिए सुष्मिता एक मिसाल हैं जो अपनी दो बेटियों के साथ हंसी-ख़ुशी से अपना जीवन बिता रही हैं।

मूल चित्र : Screenshot, Aarya trailer, YouTube

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

133 Posts | 485,154 Views
All Categories