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अपने शब्दों में, अपनी कहानियों में, साथ ही तो रहे हो हर पल मेरे, एक दिन में कहां, चंद शब्दों में कहां, बयां कर पाएगा कोई, आपका प्यार!
ज़िंदगी दी, प्यार दिया, खुशियां दी, मुस्कुराहटें दी, आंसू भी दिया, चलना सिखाया, कदम लड़खड़ाए, तो संभालना सिखाया।
पंख नहीं थे, फिर भी, पंख बिन, उड़ना सिखाया, साथ नहीं थे, हर पल, पर हर पल में, साथ निभाया, अपने शब्दों में, अपनी कहानियों में, साथ ही तो रहे हो हर पल मेरे, एक दिन में कहां, चंद शब्दों में कहां, बयां कर पाएगा कोई, आपका प्यार, मेरे पापा, मेरे हीरो!
मूल चित्र : Canva
A mother, reader and just started as a blogger
प्यारे पापा, तेरे हर संघर्ष का शुक्रिया कुछ बनकर करना चाहती हूं…
इक दिन सुनेंगे सब, मेरे शब्दों की गूँज और मेरी आवाज़ की ख़नक!
तुम्हीं बता दो ना, कहां हूँ मैं?
लेखिका रोंडा बर्न के साथ यूँ शुरू हुआ मेरी ख्वाइशों का सफर
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