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बहू बेटी में अंतर क्यूं....दोनों की संरचना एक ही तो है, क्यों बेटी के नखरे तुम सह लेते हो, बहू की मन की इच्छा के लिए, बुरा भला तुम क्यूं कहते हो?
बहू बेटी में अंतर क्यूं….दोनों की संरचना एक ही तो है, क्यों बेटी के नखरे तुम सह लेते हो, बहू की मन की इच्छा के लिए, बुरा भला तुम क्यूं कहते हो?
बहू बेटी में अंतर क्यूं…. दोनों की संरचना एक है, जन्म देने वाली माँ भी एक है।
आज भी, फिर क्यों नहीं करते हो समानता, कहां गई तुम्हारी अखंडता?
बहू बेटी में अंतर क्यूं दोनों की संरचना….
बेटी के लिए सब कुछ जायज है, पर बहू के लिए क्यूं नाजायज है?
बहू बेटी में अंतर क्यूं दोनों की संरचना…
बेटी के नखरे तुम सह लेते हो, बहू की मन की इच्छा के लिए, बुरा भला तुम क्यूं कहते हो?
बेटी आपकी, आपकी है, फिर भी क्यूं भूल जाते हो, आखिर बहू भी तो बेटी है?
क्यों कहते हो, है हमारी बहू, बना कर तो देखो उसको, बेटी की हू ब हू।
बहू बेटी के अंतर क्यूं दोनों की संरचना…
जिस दिन बेटी कहना, मानना और निभाना सीख लोगे, उस दिन जान जाओगे, बहू भी बेटी है।
मूल चित्र : Canva
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