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कुछ तो करम अच्छे मेरे, जो इस जन्म तेरी नाल से सांसें जुड़ी मेरी माँ, कहते है आज का ये दिन तुम्हारा है, मेरी तो एक पहर भी ना बीती तेरी सुध बिन माँ!
वो चुप रहती हैं सब सहती है पर उफ़्फ़ नहीं करती है वो मेरी माँ प्यार की, त्याग की, मोम सी मूरत ही नहीं, मज़बूत ढाल की चादर सी हैं मेरी माँ क्या तुमसे कहूँ क्या तुमको कहूँ, तुम हो अजीब बस माँ तुम बेमिसाल, तुम लाजवाब, सूपरवुमन मेरी माँ
कुछ तो करम अच्छे मेरे, बीते जनम के होंगे माँ, जो इस जन्म तेरी नाल से सांसें जुड़ी मेरी माँ कहते है आज का ये दिन तुम्हारा है, बस तुम्हारा माँ मेरी तो एक पहर भी ना बीती तेरी सुध बिन माँ
ये दिन तुम्हारा है चलो इसी बात पर एक सच बतलाती हूँ तुमको आज माँ तुम्हारी छवि हूँ, तुमसे बनी हूँ, ये सोच के हर घड़ी इतराती हूँ मैं माँ ईश के आगे सिर झुका, खोलके पोटली मुरादों वाली, क्या ख़ूब सौदागर बनी तुम माँ सबकी ख़ुशियों के बदले में ख़ुद के लिए अनगिनत बलाएँ क़बूलीं है तुमने माँ
अर्धानगिनी के रूप में पापा की तुम्हें काल को ललकारने की ताक़त भी तेरी देखी है मैंने माँ जिस पल में सब कुछ बिखर रहा था, बहुत कुछ हाथ से निकल रहा था तुम्हारे उस तूफ़ान में कश्ती का माँझी बनते हुए तुम्हें देखा है मैंने माँ
मैं जानती हूँ, चौखट भी ना लाँघी थी तुमने कभी घर की अकेले माँ पर हर चुनौती को धर पटका तुमने जब बात हम बच्चों पर आयी माँ जीवन के ना जाने कितने किरदारों को बाँटा तुमने हमसे माँ कभी माँ बनके, कभी पहनके चोला दोस्ती का याराना निभाया तुमने माँ
बहुतेरे पल हैं, क्या क्या लिखू मैं माँ जनम सफल है मेरा गर थोड़ा भी तुम सा बन पाऊँ मैं तुमसा कोई और नहीं ये जानकार भी, कोशिश मेरी जारी है माँ तेरे सीख की चमक कम ना हो, ये ज़िम्मेदारी अब हमारी हैं माँ
मूल चित्र : Canva
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