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कहते हैं माँ के पैरों के नीचे जन्नत है, यह बात कितनी सार्थक लगती है क्योकि माँ जैसी हस्ती दुनिया में है कहाँ, नहीं मिलेगा वो दिल चाहे ढूंढ ले सारा जहाँ…
माँ, तुम कितनी प्यारी हो, तुम एक सुदृढ़ नारी हो, ममतामयी छवि है और कृशकाय काया है तुम्हारी, बच्चों के लिए जीते हुए कभी नहीं तुम हारी।
हौसलों की मिसाल हो तुम, त्याग की प्रतिमूर्ति हो तुम, बच्चों की सुखद छांव है आँचल तुम्हारा, उनकी सफलताओं पर खिलती मुस्कान तुम्हारी।
माँ तुम न्यारी हो, ईश्वर की अद्भुत कलाकारी हो!
मूल चित्र : Canva
मैं जानती हूँ माँ, तुम उस रात सोई न थीं!
ये दिन तुम्हारा है, चलो इसी बात पर एक सच बतलाती हूँ तुमको आज माँ!
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं एक अच्छी माँ कैसे बन सकती हूँ…
तुम अपनी बेटी के लिए पँख बुनना…
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