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स्त्रीधन क्या है और क्या हैं इससे जुड़े आपके अधिकार – एक जागरूकता

क्या आप जानती हैं कि आप अपने स्त्रीधन की अनन्य मालिक हैं और उस पर आपका पूरा हक़ है और आपका ये हक़ कोई नहीं छीन सकता। जानिए और...

क्या आप जानती हैं कि आप अपने स्त्रीधन की अनन्य मालिक हैं और उस पर आपका पूरा हक़ है और आपका ये हक़ कोई नहीं छीन सकता। जानिए और…

महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख रही हैं

महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ हमको महिलाओं के विकास के कई प्रकार के आयामों को देखना होगा और उनसे पारिवारिक होना अति आवश्यक है। कानून व नियम के तहत महिलाओं को कई लचीले और सार्थक अधिकार मिले हुए हैं, जिन पर हम खुल कर बात नहीं कर पाते क्योंकि हमको उस बारे में अधिक जानकारी नहीं होती और न हम जागरूक होना चाहते। महिलाएं आज के भारत में भी अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख रहीं हैं, और कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी कर रहीं हैं जैसे घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, सम्पत्ति अधिकार, विवाह और तलाक, साइबर बुल्लिंग आदि।

वर्तमान भारत में हम अधिक तौर पर उपरोक्त समस्याओं पर ध्यान देते हैं और निवारण की भी कोशिश करते हैं, मगर सम्पत्ति के आधार पर हम सब का ध्यान थोड़ा कम ही जाता है, आज हम बात करेंगे महिलाओं के सम्पति के अधिकार और उनसे जुड़े तथ्य जो कानूनी मान्यता के अनुसार हैं।

स्त्रीधन क्या है और क्या हैं इससे जुड़े आपके अधिकार

स्त्रीधन और दहेज़ में फर्क़

शादी के वक्त जो उपहार, जेवर, आदी लड़की को दिए जाते हैं, उसे स्त्रीधन कहते हैं। इसके अलावा लड़के और लड़की, दोनों को जो फर्नीचर, टीवी या दूसरी चीजें दी जाती हैं, वे भी स्त्रीधन के दायरे में आती हैं। स्त्रीधन पर स्त्री का पूरा अधिकार है और ये दहेज नहीं है। लेकिन शादी के वक्त लड़के को दिए जाने वाले जेवर, कपड़े, आदि दहेज के दायरे में आते हैं।

महिला अपने स्त्रीधन की अनन्य मालिक है और उस पर उसका पूरा हक़ है। यह उसका अपना हक़ है जिसे कोई नहीं छीन सकता। अगर किसी महिला का स्त्रीधन उसकी मर्जी के बिना कोई और रख ले तो उसके विपरीत कार्यवाही का विधान है जो धारा 14, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अधीन आता है।

स्त्रीधन पर एक महिला के क्या-क्या अधिकार हैं?

●किसी भी महिला की ऊनी अलग विशिष्ट संपत्ति है और किसी और के पास इस पर कोई अधिकार नहीं है कि वह आपसे इस अधिकार को छीने या उस पर अपना हक़ जताए।

●महिला के पास इसे अपने पास रखने, इसे अपने नियंत्रण में संग्रहीत करने, और इसका उपयोग करने का पूर्ण अधिकार है। इस अधिकार को भी आपसे कोई नहीं छीन सकता।

●यदि किसी महिला को कभी भी अपने वैवाहिक घर को छोड़ना पड़ता है, तो वह अपने स्त्रीधन को अपने साथ ले जा सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई नहीं रोक सकता।

●यदि आपके पति का परिवार आपको अपना स्त्रीधन लेने नहीं दे रहा है, तो आप तुरंत अपने स्त्रीधन को आपको सौंपने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिस पर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है।

महिला अपने स्त्रीधन की सुरक्षा कैसे कर सकती है?

●महिलाओं को अपने सभी स्त्रीधन की एक सूची बनानी चाहिए और इसे विभिन्न श्रेणियों में विभाजित करना चाहिए जैसे – नकदी, आभूषण, संपत्ति, अन्य कीमती सामान, आदि।

●अपने स्त्रीधन को इस तरह स्टोर करें कि आपका उस पर नियंत्रण हो। उदाहरण के लिए- अपने स्वयं के बैंक लॉकर में या संयुक्त लॉकर में जिसे आप एक्सेस भी कर सकते हैं, जिसपर किसी प्रकार का किसी और कोई हस्तक्षेप न हो।

●अपने स्त्रीधन को कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति के हवाले न करें, जिस पर आपको भरोसा नहीं है। याद रखें, आपका स्त्रीधन केवल आपका है और किसी को भी आपसे इसके लिए पूछने का अधिकार नहीं है।

●यदि किसी महिला के पति का परिवार आपके स्त्रीधन को लेने की कोशिश करता है, तो दबाव महसूस न करें।उन्हें बताएं कि आप इसे किसी को नहीं देंगे। यदि वे आपको परेशान करने की कोशिश करते हैं, तो आप तुरंत उत्पीड़न के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कर सकते हैं (धारा 498 ए भारतीय दंड संहिता के तहत)।

● यदि आपको लगता है कि आपका स्त्रीधन आपके वैवाहिक घर में सुरक्षित नहीं है, तो इसे अपने माता-पिता की तरह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ स्टोर करें, जिस पर आपको भरोसा है।

स्त्रीधन क्या है और इससे जुड़े कई सारे तथ्य हैं, जो अभी भी महिलाओं को नहीं पता और वे इसके प्रति जागरूक भी नही हैं और इसलिए वे अपने हक़ के खिलाफ आवाज़ भी नहीं उठा सकतीं। मेरा यह लेख लिखने का बस एक ही उद्देश्य है कि महिला अपने हक़ के लिए जागरूक बनें और भारत की न्यायिक व्यवस्था के अधीन अपना हक़ लेने में हिचकिचाएं नहीं।

मूल चित्र : Pexels 

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