कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
कोरोना लॉकडाउन के बीच निर्मला सीतारमण द्वारा बनाई गई वित्त योजना गरीब और असहाय लोगों, खासतौर पर महिलाओं के लिए, एक सहारा है।
लॉक डाउन के 36 घण्टों बाद भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया भाषण अत्यंत महत्वपूर्ण है। खासकर ग़रीब लोगों के लिए यह निर्धारित किया गया है। इस निधि को पास करने के लिए सरकार ने 1 लाख 70 हज़ार करोड़ की वित्त राशि निर्धारित की है। प्रमुख तौर पर इनको अन्न और धन की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी।
●मनरेगा ●वृद्ध ●विधवा ●दिव्यांग
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
●20 करोड़ महिलायें जन धन योजना का लाभ उठाएंगी। हर महीने उनके खाते में 500 रुपये डाले जाएंगे।
● प्रभावित लोगों के खाते में पैसे सीधा ट्रांसफर किये जाएंगे और उनका इंश्योरेंस होगा।
●कोरोना प्रभावित लोगों के लिए 50 लाख का बीमा करवाया जाएगा।
●गरीब घरों में अन्न योजना के तहत हर परिवार के मेंबर के हिसाब से 5-5 किलो चावल और गेहूं मुहैया करवाया जाएगा। उनके लिए दालों का भी इंतेजाम हैं, 1 किलो दाल हर माह मिलेगी, पूरे तीन महीने तक।
●उज्ज्वला गैस सिलिंडर 8 करोड़ BPL फैमिली को फायदा होगा ,उनको सिलिंडर महैया करवाये जाएंगे। हर महीने इनको 1 सिलिंडर दिया जाएगा।
● बुज़ुर्ग, दिव्यांग और महिलाओं के खाते में 1000 रुपये डाले जाएंगे।
●दिहाड़ी मजदूरों को 202 रुपए रोज़ाना राशि पहुंचाई जाएगी।
●दीन दयाल योजना के तहत महिलाओं को 20 लाख रुपए तक का कर्ज़ दिया जाएगा जो पहले 10 लाख था।
माननीय प्रधानमंत्री जी का और वित्त मंत्री जी का यही कहना है कि कोई भी गरीब भूखा न रहे। सबको अन्न और धन की मदद मिलेगी।
इस योजना को प्रधानमंत्री का खजाना बताया जा रहा है। मैं वास्तविक तौर पर सहमत भी हूँ। इस योजना के तहत महिलाओं को भी लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
महिलाओं के लिए अच्छी बात यह है कि उनके ऊपर मानसिक तनाव का असर इन योजनाओं के तहत अधिक नहीं रहेगा। ज़्यादातर पुरूष घर की ज़िम्मेदारी महिलाओं को दे देते हैं। अब इन योजनाओं से कहीं न कहीं महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है।
लगभग 20 करोड़ महिलाएं धन जन योजना की खाता धारक हैं और हर माह उनके खाते में 500 रुपये भेजे जाएंगे। इस विषय के लिए कहा जा सकता है डूबते को तिनके का सहारा भी बड़ा लगता है। बेशक! वह 500 रुपये हैं, मगर गरीब और असहाय महिलाओं के लिए यह राशि भी मज़बूत रखेगी। इसके साथ के साथ गरीब महिलाओं और बेगार महिलाओं के खाते में 1000 रुपये डाले जाएंगे, यह भी काफी रहेंगे।
वैसे कहीं न कहीं इन योजनाओं के तहत कहीं न कहीं महिलाओं को निम्नलिखित समस्या से थोड़ी राहत तो मिल सकती है।
ज़्यादातर पुरुष अपनी पत्नी के द्वारा पैसे मांगने पर गुस्सा हो जाते हैं और उनको डांट देतें हैं, चाहे वह घर के अनाज के लिए पैसे माँग रही हो। इन योजनाओं से कहीं न कहीं इस झिड़की से महिलाओं को राहत तो ज़रूर मिलेगी।
बेशक कुछ समय के लिए ही चाहे, इस योजना में विधवा महिलाओं को भी शामिल किया गया है जो बहुत अच्छा संकेत गई, उनके लिए। उनको इस योजना का अवश्य ही लाभ मिलेगा, जो एक अच्छी बात है। विधवा महिलाएं अक्सर कई प्रकार की प्रताड़ना झेलती हैं। चाहे वह अन्न से हो या धन से हो।
योजना में वृद्ध महिलाओं को शामिल कर के यह प्रदर्शित कर दिया गया है कि योजना बहुत सुनियोजित तरीके से सबको ध्यान में रख कर बनाई गई है। अक्सर देखने में आता है कि वृद्ध लोगों को खासकर महिलाओं को खाने की और पैसों की ज़रूरत पड़ती है। उनकी सहायता को कोई भी आगे नहीं आता। सरकार का मैं शुक्रगुज़ार हूँ के उसने लोगों का ख्याल रख कर योजना को निर्धारित किया।
लॉक डाउन के समय भारत में हम सब सहमे हुए थे कि हम तो खाना खा लेंगे, जैसे भी कर के, मगर उनका क्या होगा जो मजदूरी करते हैं, और दिहाड़ी पर काम करते हैं।
मैं शुक्रगुज़ार हूँ माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी का, जिन्होंने सभी वर्ग के लोगों के लिए योजना का निर्धारण किया।
मूल चित्र : YouTube
read more...
Women's Web is an open platform that publishes a diversity of views, individual posts do not necessarily represent the platform's views and opinions at all times.