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कलाकार हूँ मैं, कल ज़िंदगी को जीने का नया आधार दूंगी, यह वादा है मेरा, अपने कलम की रफ़्तार से कल को एक नया उपहार दूंगी।
कलाकार हूँ मैं कल को निखार दूंगी यह वादा है मेरा अपने कलम की रफ़्तार से कल को सँवार दूंगी
कहानीकार नहीं कहानी हूँ मैं दिल में उठते अनगिनत विचारों की लहर हूँ मैं लेखक द्वारा बुनी एक अद्भुत कल्पना हूँ मैं बसाए हुए अपनी एक अलग ही दुनिया रहती हूँ किताबों में यहीं कहीं जब जी चाहे कहानी के पात्रों को एक नया नाम दूंगी बदल किरदार अपना कल को नया आकार दूंगी
कवि नहीं कविता हूँ मैं भावनाओं की बहती एक दरिया हूँ मैं कवि द्वारा रचित एक सुंदर रचना हूँ मैं इन सुनहरे अक्षरों में बसती है मेरी जान अल्फाजों की खिड़कियों से झाँक रहे मेरे अरमान दिल के सारे जज़्बातों को चंद शब्दों की गहराइयों में डाल कल को उभार दूंगी
कलाकार हूँ मैं कल ज़िंदगी को जीने का नया आधार दूंगी यह वादा है मेरा अपने कलम की रफ़्तार से कल को एक नया उपहार दूंगी
मूल चित्र : Canva
Founder of 'Soch aur Saaj' | An awarded Poet | A featured Podcaster | Author of 'Be Wild Again' and 'Alfaaz - Chand shabdon ki gahrai' Rashmi Jain is an explorer by heart who has started on a voyage read more...
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