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हां! आज एक फूल खुद के लिए लिया है! हां! मैंने खुद से ही मुहब्बत करना सीख लिया है! हाँ! मैंने जीना सीख लिया है!…और आपने?
आज; एक दिन; और जी रही हूं, हां! मैं खुद से; मुहब्बत करना सीख रही हूं।
आज; एक फूल; खुद के लिए लिया है, हां ! मैंने खुद से ही; मुहब्बत करना सीख लिया है।
आज; वक्त से; थोड़ा वक्त मांग लिया है; हां! मैंने शायद जिंदगी को; जीना सीख लिया है।
मूल चित्र : Canva
A mother, reader and just started as a blogger
मेरा हाथ बटाने में क्या तुम्हारा अपमान होता है…
इस मित्रता दिवस पर एक वादा ख़ुद से
एक ऐसी माँ होने का फैसला किया जिसकी पहचान होम-मेकर से कुछ ज़्यादा हो – कुशल सिंघल
क्या मैं अब भी अपनी ‘बस वाली लड़की’ को वापस पा सकता हूँ?
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