कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

जब भी बच्चों या बुजुर्गों को सड़क पर भीख मांगते देखें, तो आप भी ये करें

मेरा तीन साल का बेटा साहिल खो गया है, अब तक मिल नहीं रहा। एक महीने पहले काम वाली उसको पार्क में घुमाने ले गयी थी, और साहिल कहीं चला गया।

मेरा तीन साल का बेटा साहिल खो गया है, अब तक मिल नहीं रहा। एक महीने पहले काम वाली उसको पार्क में घुमाने ले गयी थी, और साहिल कहीं चला गया।

आज सुगंधा जल्दी-जल्दी तैयार होकर निकली क्यूंकि आज बहुत ज़रूरी मिटिंग थी। बच्चों को स्कूल छोड़ते हुए हुए आई थी, इसलिए देर हो गयी। तभी कार लाल बत्ती पर रूकी।  उसने देखा एक महिला गोद में बच्चे को लिए, बच्चों की किताबें लिए खड़ी थी। वो महिला, शीशे के बाहर से सुगंधा को किताबें लेने के लिए कहने लगी।

सुगंधा को दिमाग में मिटिंग में देर से पहुँचना ही परेशान कर रहा था। उसने देखा कि बच्चा गोद में ही सो रहा था। एक तरफ गरदन थी कंधे पर, गोरा सा बच्चा। सुगंधा ने सोचा, ‘इतना प्यारा बच्चा।’ लेकिन उस बात को नजर अंदाज़ करते हुए हरी बत्ती पर एक्सेलेटर पर पैर पड़ा और सुगंधा आगे निकल गयी।

लगा मीटिंग में देर से पहुंचेगी, पर वह सही समय से पहुँची। सब आ चुके थे। मिटिंग खत्म ही हुई थी कि बाहर से तभी ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ आने लगी। क्या हुआ?

सबने बाहर देखा तो शीना रो रही थी। शीना बहुत छुट्टियां ले चुकी थी और अब वह और छुट्टियां माँग रही थी। बॉस ने उसे बैठाया और पानी दिया। तब सुगंधा ने पूछा, ‘क्या हुआ? तुम मेरे पास वाली बिल्डिंग में हो ना? आते जाते देखा है तुम्हें।’

‘मेरा नाम शीना है और मेरा तीन साल का बेटा साहिल खो गया है। अब तक मिल नहीं रहा। एक महीने पहले काम वाली उसको पार्क में घुमाने ले गयी थी। और साहिल कहीं चला गया। मेरे को छुट्टियां और नहीं मिल रही हैं। क्या करूँ? घर पर नहीं बैठा जाता बच्चे के बिना। मैं और मेरे पति, दिन-रात एक कर रहे हैं। पुलिस भी बहुत ढूँढ रही है।’

‘सुनो, कोई फोटो हो तो भेजो। सब दोस्तों को भेज देते हैं। शायद कुछ पता चल सकता हो।’ साथ ही सब ने कम्पनी विभाग हेड को भी समझाया कि शीना को छुट्टियां दे दिजिये। शीना के विभाग वाले ज्यादा समय देकर शीना का काम कर देंगे।

शीना ने फोटो भेज दिया और सबने आगे दोस्तों ने भेजा। शीना सबका शुक्रिया कर रही थी और रोए जा रही थी।
वापस आते समय सुगंधा को शीना के बेटे का ध्यान बार-बार आ रहा था। ‘कहीं देखा है क्या?’ ऐसा बार-बार लग रहा था, ‘अरे! अपनी सोसायटी मे ही खेलते देखा होगा!’

अचानक उसी चौराहे पर लाल बत्ती हुई और सुगंधा को वो किताबें बेचती औरत, बच्चा लिए याद आई। वैसा सा ही था साहिल क्या?

घर आ कर वो रात में सोई नहीं। वो किताब बेचती औरत याद आ रही थी।

अगले दिन सुगंधा ने जल्दी उठ कर काम किया और बच्चों को स्कूल छोड़ कर उसी चौराहे के पास कार पार्क की। पैदल ही इधर उधर उस औरत को ढूँढने लगी, ‘आयेगी तो ज़रूर, जब कल यहीं थी।’

अचानक सुगंधा ने उस औरत को फिर से देखा। गोद में बच्चा उसी तरिके से लिये, भीख माँग रही थी। आज किताब नहीं थी उसके पास।

‘सुनो भीख क्यूँ माँग रही हो? कुछ काम क्यों नहीं करतीं?’ सुगंधा ने पूछा।

‘मेम साहब, बच्चा छोड़ कर नहीं जा सकती।’

‘अरे बड़ा प्यारा बच्चा है! एक फोटो लेती हूँ तुम दोनों का।’ बच्चा सोया हुआ था। ऐसे ही उसने उसकी मां और बच्चे की जल्दी से फोटो ले ली।

‘मेम साहब फोटो! फोटो नहीं!’ वह थोड़ी गुस्से में बोली।

‘अरे! बड़ा प्यारा है। तुम्हारे पास फोन है क्या? मैं तुम्हें भेज दूंगी।’

‘नहीं फोन नहीं है हमारे पास।’

‘ओह अच्छा!’ और तुरंत सुगंधा ने वह फोटो शीना के व्हाट्सएप पर पोस्ट कर दी। शीना का तुरंत फोन आया और सुगंधा ने उसे सारी बात बताई। शीना ने अपने बच्चे को पहचान लिया था।

‘जल्दी आ जाओ शीना’, सुगंधा उस औरत पर निगरानी रखे हुए थी।

शीना पुलिस को लेकर आ गई और वह औरत पकड़ी गई। साहिल को उसने नशे का दवाई दे रखी थी, जिससे वह सोया हुआ ही रहता था। इस तरह से शीना को उसका खोया हुआ साहिल मिल गया।

सुगंधा को बहुत-बहुत शुक्रिया कहा शीना और उसके पति ने।

इसी तरह दोस्तों, हम अगर कहीं किसी भी मांगते हुए के पास बच्चों को या मांगते हुए बच्चे को देखें तो हमें उनका फोटो लेकर, कुछ ऐसे ऐप, नंबर्स या फेसबुक पेज, जो खोए हुए बच्चों के लिए होते हैं, वहां भेज देना चाहिए। ऐसे ही बच्चों के लिए है फेसबुक पेज नो मोर मिसिंग  

मैंने इस पहल के बारे में जाना। कहीं भी आपको बच्चे भीख माँगते या किसी मुश्किल परिस्थितियों में मिलें तो एक फोटो बच्चे का और वो जगह जहाँ आपने उन्हें देखा है, या बुर्जुग हो कोई भी, तो कृपया (facebook page no more missing) नो मोर मिसिंग फेसबुक पेज पर भेजें।

आजकल बहुत बच्चे अपने घर से बिछड़ जाते हैं। वे जगह-जगह आपको सड़क पर मिल जायेगें, भीख मांगते हुये। उन सब को एक घर मिल जाएगा, चाहे उनके माता-पिता की खोज कर के या उन्हें अनाथालय भेज कर।

मैंने कुछ बच्चों को किसी भी उम्र में भीख मँगाते देखा है, ये धंधा बना लिया उन्होंने। कुछ बच्चों को जबरदस्ती भीख मगाँई जाती है। हमें भीख देनी बंद करनी चाहिए तभी कुछ बदलाव आयेगा।

मैंने एक पहल के बारे में जाना  कही भी आपको बच्चे भीख माँगते या किसी मुश्किल परिस्थितियों मे मिले तो एक फोटो बच्चे का और वो जगह जहाँ आपने उन्हे देखा है ।या बुर्जुग हो कोई भी कृपया (facebook page no more missing )नो मोर मिसिंग फेसबुक पेज पर भेजें।

कितना अच्छा विचार है, जिसने भी शुरू किया। अगर सब मदद करें तो सब बच्चे और बुजुर्ग भी अपने घर, अपने परिवार के पास होगें। और आगे भी इस तरह बच्चों और बुजुर्गों से भीख मगाँने वाले या गलत काम करने वाले भी डरेगें।

आप भी इस नेक काम में अपनी भागीदारी दिखाएं।

मूल चित्र : YouTube

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

28 Posts | 174,725 Views
All Categories