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मौजूद-ओ-मयस्सर…कल किसने देखा है? आज पर गौर करें फिलहाल!

'तुम्हारी बेरुखी ने हमे शायरा बना दिया, कहीं गलती से इश्क कर बैठते, तो हम मुआलज़ीमजान ना होते?' रिश्ते होते ही कुछ ऐसे हैं, अच्छे अच्छे शायर बन बैठे!

‘तुम्हारी बेरुखी ने हमे शायरा बना दिया, कहीं गलती से इश्क कर बैठते, तो हम मुआलज़ीमजान ना होते?’ रिश्ते होते ही कुछ ऐसे हैं, अच्छे अच्छे शायर बन बैठे!

१.
ए मेरे लाइील के हमसफर
क्या गिलाह है तुझे सुबह के फजर से?
मेरे चांद, कभी अपनी रोशनी
दिन का सहर बनके बाँटा कर…
२.
ऐसा भी क्या सहर, शब का?
सिसकियों में गुज़रा करती है रातें
सुबह का नूर अलहदा है हज़ूर,
पाकीज़गी को मौका देकर देखिए…
३.
अहमियत दी, तो मगरूर हो गए हज़ूर
हम अपनी तफसील से, तार्रुफ़ कराना चाह रहे थे आपका,
अब लगता है यह मंसूबा,
मुल्तवी हुआ… कयामत तक
४.
उनकी कुर्बत कि आस हमें फना कर रही है,
और इस बात का उनको इल्म भी नहीं
यहां हम दिल चीर के खड़े हैं,
और उनको कैफियत लेने की फिक्र नहीं,
जनाब मसरूफ है या मगरूर अब तक खबर नहीं
५.
अपनी आवाज और सूरत से मैहरूम रखते हो, फिर पूछते हो क्या हुआ,
मुस्तकबिल की दुहाई देकर, दिल तोड़ देते हो, फिर पूछते हो क्या हुआ,
जज़्बातों को रौंदकर, बेफिक्र बढ़ जाते हो फिर पूछते हो क्या हुआ,
वाह मिर्जा क्या खूब लहजा़ है सूरत-ए-हाल पूछने का!
६.
अजीब दस्तूर है ज़माने का… दूर कोई हो जाता है,
फा़सले किसी और को महसूस होते हैं,
हंस लीजिए हज़ूर आप भी ज़माने के साथ…
अलहदा होने में क्या रखा है?
७.
दाम लगाने वाला खुद बिक चुका है,
बिन खरीदे तुम मेरी मिल्कियत हो तो बात बने,
कहते हैं की बेदाम गुलामी मुश्किल होती है…
बहरहाल,
मुश्किल तो ज़िंदगी भी है, पर जी रहे हैं ना?
८.
आज मरासिम और मुजस्सिम से ऊपर उठने का फैसला किया है,
रूह को छूकर, फलक् को पाने का इरादा किया है…
९.
आपकी मसरूफियत हाय अल्लाह!
तबाही मचा रही है, सूरते हाल बयां क्या करें…
दोज़क में खैर कौन पूछता है?
१०.
तुम्हारी बेरुखी ने हमे शायरा बना दिया,
कहीं गलती से इश्क कर बैठते, तो हम मुआलज़ीमजान ना होते?
११.
मुस्तकबिल की फिक्र में, तबाह किए जा रहे हैं,मौजूदा हाल
अरे मिर्जा़… कल किसने देखा है?
आज पर गौर करें फिलहाल!

मूल चित्र : Canva 

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Neha Singh

Neha is a Professor of Mass Communication. An erstwhile Copywriter and Corporate communications specialist, she is an an avid reader, editor of all that she reads, part time writer, full time friend and gym junkie. read more...

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