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हर कहानी समय अनुसार बदलती है और यही होना है अब नारी की कहानी के साथ, सदियों से चली आ रही इस कहानी को अब अपना रूप बदलना ही होगा!
कहानी नारी की, नारी के जीवन में रंग अनेक हैं, हर रंग से बनती एक खूबसूरत तस्वीर है मगर हर तस्वीर की एक अलग ही कहानी है।
कहानी उसकी नादानी की, रोष, आक्रोश, या कभी उदासी में डूबी जवानी की, कहानी अम्बर को छूने की, ललक आकाश मैं उड़ने की।
तृष्णा अपने अस्तित्व को पाने की, जीवन में अपनी एक अलग पहचान बनाने की, कहानी अपने लिए लड़ने की, कहानी दूसरों के लिए अपने जीवन को न्यौछावर कर देने की।
कहानी सबको अमृत देने की और खुद घूँट-घूँट विष के प्याले पीने की, कहानी पुरुषों के पैरों रौंदे जाने की या अत्याचार के विरुद्ध अपनी आवाज़ उठाने की,
कहानी नारी के अस्तित्व को मिटाने की, या देवी रूप में पूजे जाने की, सतयुग, त्रेत, द्वापर, कलयुग युगों-युगों से चली आ रही, कहानी नारी की। अपना आत्मसम्मान खोकर, हर बार परीक्षा देती आई है, सीता हो या पांचाली।
कहानी नारी की मगर अब इतिहास बदलेगी और बदलेगी हर कहानी, अब और भी खूबसूरत होगी, उसकी तस्वीर, निखरेगा हर रंग। सम्मान और स्वतंत्रता से, परिपूर्ण होगी अब, कहानी नारी की!
मूल चित्र : Canva
Blogger [simlicity innocence in a blog ], M.Sc. [zoology ] B.Ed. [Bangalore Karnataka ]
मैं नारी हूँ कोई अबला नहीं
कण कण में बसी क्षण क्षण में रची नारी तेरी ये कहानी!
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