कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

अभी तो चलना सीखा है और अभी पूरी ज़िंदगी बाकी है!

खड़ा तो मुझे खुद ही होना था, बस थोड़ी देर कर दी, पर अब जब खड़ी हो गई हूँ, तो फिर अब बैठना नहीं है, अभी-अभी तो चलना सीखा है, अभी तो पूरी ज़िंदगी बाकी है!

खड़ा तो मुझे खुद ही होना था, बस थोड़ी देर कर दी, पर अब जब खड़ी हो गई हूँ, तो फिर अब बैठना नहीं है, अभी-अभी तो चलना सीखा है, अभी तो पूरी ज़िंदगी बाकी है!

अभी-अभी तो चलना सीखा है,
अभी तो पूरी ज़िंदगी बाकी है,
मेरे मौन मैं भी, एक ऊँची सी आवाज़ थी,
सोचा, सुनूँ, मैं उस अनसुनी आवाज को, तो ज़िंदगी
और भी खूबसूरत होगी
अभी-अभी तो चलना सीखा है,
अभी तो पूरी ज़िंदगी बाकी है। 

धीरे-धीरे अंदाज़ बदलेगा,
और बदलेगा मेरे जीने का सलीका,
ज़िंदगी की हकीकत से और रूबरू हो जाऊँगी,
तमाम जद्दोज़हद से ज़िंदगी का तजुर्बा होगा,
और मैं और मजबूत हो जाऊँगी,
क्योंकि सादगी से जीना, शायद जीना नहीं,
और सुना है, सादगी से लोग जीने नहीं देते,
अभी-अभी तो चलना सीखा है,
अभी तो पूरी ज़िंदगी बाकी है। 

खड़ा तो मुझे खुद ही होना था,
बस थोड़ी देर कर दी,
पर अब जब खड़ी हो गई हूँ,
तो फिर अब बैठना नहीं है,
अभी-अभी तो चलना सीखा है,
अभी तो पूरी ज़िंदगी बाकी है!

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

Vibhooti Rajak

Blogger [simlicity innocence in a blog ], M.Sc. [zoology ] B.Ed. [Bangalore Karnataka ] read more...

20 Posts | 36,977 Views
All Categories