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विद्या बालन बनेंगीं शकुंतला देवी और उनका पहला लुक बहुत ही सराहनीय है, शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा देवी को विद्या बालन ने उनकी माँ की याद दिला दी।
समय बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही है, क्योंकि समाज का दर्पण कहे जाने वाले साहित्य का सबसे बड़ा माध्यम, सिनेमा बदल रहा है! सिनेमा, जो कभी पुरुष-प्रधान हुआ करता था और उसमे औरतों की भूमिका महज़ मर्दों को रिझाना या पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचना हुआ करती थी, आज काफी प्रगति कर चुका है। इसका जीता जागता उदाहरण है, अगले साल आने वाली फिल्म शकुंतला देवी – ह्यूमन कंप्यूटर, जिस पर काम शुरू हो चूका है।
इस फिल्म के निर्देशन, लेखन से लेकर मुख्य अदाकारी तक, लगभग सभी काम महिलाएं कर रही हैं, तो फ़िल्म पूरी तरह से महिलाओं के काँधे ही है। फ़िल्म की मुख्य भूमिका में रहेंगी विद्या बालन जो पहले ही उन सभी मापदंडों को दरकिनार कर चुकी हैं जिन पर आज तक औरतों को परखा जाता रहा है, फिर वो चाहे बॉडी शेमिंग हो या फिल्म में महिलाओं की भूमिका।
चलिए, थोड़ी बात कर लेते हैं भारत की महान शख्सियत शकुंतला देवी जी के बारे में, जिनकी ज़िंदगी पर ये फिल्म आधारित होगी। शकुंतला देवी को संख्यात्मक परिगणना में गज़ब की फुर्ती और सरलता से हल करने की क्षमता होने के कारण मानव कंप्यूटर कहा जाता था। पर एक महान गणितज्ञ होने के साथ-साथ वो एक ज्योतिषी, सामाजिक कार्यकर्त्ता, लेखक और इस सबसे ऊपर एक ज़िंदादिल इंसान थीं।
उनके बारे में विद्या बालन का कहना है, “मैं बड़े परदे पर ह्यूमन कंप्यूटर शकुंता देवी का किरदार निभाने को लेकर बहुत उत्साहित हूँ। वह वाकई वो महिला थीं जिन्होंने अपनी आत्मीयता को नहीं छोड़ा, जिनकी एक मज़बूत नारीवादी आवाज़ थी और जीत के लिए वो बहुत बहादुरी से लड़ती थीं। हालाँकि, जिस चीज़ ने मुझे सबसे ज़्यादा प्रभावित किया, वो ये की आप आमतौर पर किसी मज़ेदार आदमी को गणित के साथ जोड़कर नहीं देखते हो।”
विद्या बालन का शकुंतला देवी के रूप में पहला लुक बहुत ही सराहनीय है, जिसके बारे में शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा देवी ने तो यहाँ तक कह दिया कि विद्या बालन ने उन्हें उनकी माँ की याद दिला दी।
तो विद्या बालन बनेंगीं शकुंतला देवी और हमें उम्मीद है कि महिलाओं की ये टीम भारतीय सिनेमा जगत के इतिहास में एक नये युग का आगाज़ होगी।
मूल चित्र : YouTube
While literature is her first love, writing is a need for Rashmi to keep going.
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