कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

तोड़ डाल सारे बंधनों को-क्योंकि कोमल है कमजोर नहीं तू

तोड़ डाल सारे बंधनों को, जो तेरी प्रगति की राह में कंटक हैं, दिखला दे पुरुषों को, समाज को, किसी क्षेत्र में उनसे कम नहीं तू, क्योंकि कोमल है कमजोर नहीं तू।

तोड़ डाल सारे बंधनों को, जो तेरी प्रगति की राह में कंटक हैं, दिखला दे पुरुषों को, समाज को, किसी क्षेत्र में उनसे कम नहीं तू, क्योंकि कोमल है कमजोर नहीं तू।

तू समाज की सृजनता का प्रतीक है,

पुरुष की ऊर्जा को तू ही

जागृत करती है, मर्यादित करती है।

अपने वात्सल्य की छाँव में

समाज का पालन-पोषण करती है।

पर तेरी कोमलता को ही

तेरी कमजोरी समझ लिया गया है।

पुरुषों के नेतृत्व में समाज ने

तेरी योग्यताओं को दरकिनार कर

तेरे अधिकारों का दोहन किया है।

जिन्होंने तेरी गरिमा को ठेस पहुंचाई है,

उन्हें अपनी शक्ति का एहसास करा तू

बदल डाल अपनी पुरानी तस्वीर को

छीन ले उन अधिकारों को

जिनपे तेरा जन्मसिद्ध अधिकार था, अधिकार है।

तोड़ डाल सारे बंधनों को

जो तेरी प्रगति की राह में कंटक हैं,

दिखला दे पुरुषों को, समाज को

किसी क्षेत्र में उनसे कम नहीं तू

क्योंकि कोमल है कमजोर नहीं तू।

अपने स्वाभिमान की रक्षा करने में

पूर्ण रूप से समर्थ है तू

क्योंकि कोमल है कमजोर नहीं तू।

क्योंकि कोमल है कमजोर नहीं तू।

About the Author

1 Posts | 1,727 Views
All Categories