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एकदम अप-टू-डेट हूँ-मैं भी फेमिनिस्ट हूँ

यह सब तो जस्ट, फॉर इंस्पिरेशन है, फेमिनिज़्म का झंडा तो आज फैशन है- जी हाँ! ऐसे 'विचार' हम सबके घर में मिलेंगे। 

यह सब तो जस्ट, फॉर इंस्पिरेशन है, फेमिनिज़्म का झंडा तो आज फैशन है- जी हाँ! ऐसे ‘विचार’ हम सबके घर में मिलेंगे। 

मैं फेमिनिज़्म पर कविता लिखता हूँ,
औरतों के हक में चीख़ता हूँ!
पर, यह दिल अंदर से कमीना है,
कितनों की इज्ज़त को छीना है।

कविता तो रोज़ी-रोटी है,
डिनर में Rosy की बोटी है।
देवी जैसी तो बस मेरी मां और बहन है,
अबलाओं को बहुत सारा सहन है।

दर्द तो उनका रोज़ का किस्सा है,
मैंने दिया तो क्यों भला अफ़सोस का हिस्सा है?
यह सब तो जस्ट, फॉर इंस्पिरेशन है,
फेमिनिज़्म का झंडा तो आज फैशन है।

मैं अकेला ही अप-टू-डेट तो नहीं;
इस दौड़ में साला, दिग्गज हैं तो कई।
मैं तो भाई एक-आध बार ही सोता हूँ,
बहती गंगा में हाथ धोता हूं।

बिटिया, बहन, और मेरी माँ बहुत प्यारी हैं,
केवल वो ही तो आदर्श नारी हैं।

प्रथम प्रकाशित

मूल चित्र: Pexels

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Indulekha Dutta

Small town girl with big size dreams !! Passionate about writing & biking. read more...

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